हिमाचल में नाइट कर्फ्यू हटा, ठेकेदारों की मांगों को लेकर बड़ा फैसला
हिमाचल में नाइट कर्फ्यू हटा, ठेकेदारों की मांगों को लेकर बड़ा फैसला
शिमला।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोरोना पाबंदियों में लोगों को बड़ी राहत दी है।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में कोविड-19 महामारी के कारण लागू नाइट कर्फ्यू हटाने का निर्णय लिया गया।। प्रदेश में रात को भी लोग बिना किसी रोक टोक से आवाजाही कर सकेंगे। नो मास्क नो सर्विस का नियम हिमाचल प्रदेश में अभी जारी रहेगा। लेकिन सरकार ने लोगों को रात्रि कर्फ्यू से राहत दे दी है।इसके अतिरिक्त आऊटडोर व इंडोर सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और अन्य समारोहों (विवाह एवं अंतिम संस्कार) इत्यादि में 50 प्रतिशत क्षमता तक लोगों के शामिल होने की भी अनुमति प्रदान की गई है। बैठक में सरकार की ओर से ठेकेदारों की पेमैंट जल्द करने का निर्णय लिया गया और उन्हें करीब 270 करोड़ रुपए की राशि बकाया दी जाएगी।
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। सरकार ने माइनिंग एक्ट में संशोधन करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में सभी तरह के निर्माण कार्य शुरू होंगे। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक 14 फरवरी को सचिवालय में होगी
ठेकेदार सरकार से माइनिंग के नियमों में संशोधन कर सरलीकरण की मांग कर रहे थे। क्रशर में डब्ल्यू एक्स फार्म देने की सीमा तय की गई है लेकिन ठेकेदारों को यह फार्म नहीं मिल रहे थे, जिससे लोक निर्माण और अन्य विभागों के पास उनकी करोड़ों की राशि फंसी हुई है। ठेकेदारों का 1 जुलाई, 2017 से पहले के कार्यों पर रिफंड का मामला भी लटका हुआ है और इस कारण ठेकेदार 2 दिन से हड़ताल पर हैं।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लघु खनिज (रियायत) और खनिज (अवैध खनन, उसके परिवहन एवं भंडारण का निवारण) नियम, 2015 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई ताकि सड़कों व सुरक्षा दीवारों के निर्माण, डंगों की सोलिंग इत्यादि में लघु खनिज पदार्थों का सर्वोत्कृष्ट उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। इससे विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्यों के लिए पत्थर और रेत जैसे खनिज पदार्थों की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों और एजैंसियों से संबंधित सड़कों के निर्माण कार्यों के दौरान उत्पन्न होने वाले लघु खनिज पदार्थों के उसी कार्य के लिए उपयोग की अनुमति खनन अधिकारी प्रदान करेंगे। इसमें सड़कों के निर्माण सहित सुरक्षा दीवार, डंगों की सोलिंग इत्यादि के कार्य शामिल होंगे, जिसमें एक समय में 10 हजार मीट्रिक टन प्रतिमाह और अधिकतम 20 हजार मीट्रिक टन प्रति कार्य के उपयोग की ही अनुमति होगी। इसके लिए कार्य करवा रहे प्रभारी अभियंता जोकि सहायक अभियंता के पद से कम नहीं होगा उसकी रिपोर्ट को आधार माना जाएगा। मंत्रिमंडल ने इसमें एक नियम सम्मिलित करने का भी निर्णय लिया, जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति खनन लीज होल्डर नहीं है और उसने नियमों का उल्लंघन नहीं किया है और ट्रांजिट फार्म उपलब्ध नहीं करवा सका है तो उसे प्रचलित दरों पर राॅयल्टी और राॅयल्टी के 25 प्रतिशत जुर्माने का भुगतान करना होगा
ज्ञात रहे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार रात पौने नौ बजे बैठक बुलाने की फाइल हस्ताक्षरित की थी। उसके बाद कैबिनेट ब्रांच की ओर से सभी विभागों को मेल करके एजेंडा भेजने के लिए कहा गया। ऐसे में अपने विधानसभा क्षेत्रों में बैठे मंत्रियों को सुबह शिमला पहुंचना पड़ा। बैठक में वन मंत्री राकेश पठानिया व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर नहीं पहुंच पाए।